कल हमारे किसी मित्र ने एक वीडियो भेजा था, जिसमें बहुत लोगों के साथ हमारे बिहार के जल संसाधन मंत्री का भी बाढ़ नियंत्रण पर महत्वपूर्ण वक्तव्य था, जिसमें उन्होंने बाढ़ पूर्व चेतावनी की बात की थी।
मुझे खुशी है कि मौजूदा सरकार उस पर गम्भीरता पूर्वक काम करेगी और बाढ़ की समस्या का निदान ढूंढने का प्रयास किया जायेगा। मैं इस संदर्भ में कहना चाहूंगा कि,
1. बिहार का फ्लड प्रोन एरिया 1952 में 25 लाख हेक्टेयर था। जो 1980 में 43 लाख हेक्टेयर हुआ और अब बढ़ते-बढ़ते 73 लाख हेक्टेयर है। यह कैसे हुआ इसका मूल्यांकन, मैं समझता हूं, कभी नहीं हुआ। और इसके लिये कौन जिम्मेदार हैं उसको जानने का तो सवाल ही नहीं उठता।
2. आज से 25-30 साल पहले एक शब्द उछाला गया था फ्लड मैनेजमेंट। यानी अब बाढ़ का नियंत्रण नहीं किया जाएगा उसका प्रबंधन होगा। दुर्भाग्यवश यह प्रबंधन बाढ़ के नियंत्रण से किस तरह अलग होगा इस पर कोई काम नहीं हुआ लेकिन भाषण बाजी जरूर हुई और किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि बाढ़ नियंत्रण के नाम पर जो अब तक हम करते आए हैं उसमें क्या कमियां रह गईं। कुल मिलाकर काम वही पहले का जैसा होता रहा और उसका भी कोई मूल्यांकन नहीं हुआ लेकिन हमने एक शब्द ईजाद जरूर किया।
1976 में केंद्र ने राष्ट्रीय बाढ़ आयोग का गठन किया, जिसकी रिपोर्ट 1980 में आयी। उसके प्राक्कथन में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री जगजीवन राम जी का भाषण दिया गया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि हमारा बाढ़ प्रवण क्षेत्र बढ़ा नहीं है। हमारे पास अब बाढ़ग्रस्त क्षेत्र की पैमाइश करने की बेहतर तकनीक उपलब्ध है इसलिये बाढ़ का क्षेत्र बढ़ा हुआ लगता है।
3. 1980 में बिहार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र 43 लाख हेक्टेयर से बढ़ता हुआ। 64 लाख हेक्टेयर और 68.8 लाख हेक्टेयर होता हुआ इस वक्त 73 लाख हेक्टेयर पार कर चुका है। इसकी चिंता जिसे करनी चाहिए थी वह खामोश बैठा रहा।
4. नेपाल में क़ुतुब मीनार से तीन गुना ऊंचा बांध बनाने की बात कह कर जनता को भरमाने का प्रयास आजादी के बाद शुरू हुआ और तबसे अब तक वह तसल्ली अभी भी दी जा रही है। यहां यह बताना जरूरी है कि इस बांध का प्रस्ताव पहले-पहल 1937 में किया गया था और 85 साल तो हो गये किसी नतीजे पर न पहुंचने में। अगर यही समाधान है जिससे सभी को फायदा है तो फिर देर किस बात की है? जाहिर है, कुछ न कुछ बात जरूर है जो अभी तक हम किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।
कभी बाढ़ पूर्व चेतावनी पर भी बात करेंगे।