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हिंडन नदी - तेरा आंचल साफ करेंगे . . . जय जय हरनंदी माई।

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  • August-18-2018

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उपरोक्त पक्तियों जैसा भाव मन में बसाकर मेरठ मण्डल के मण्डलायुक्त डॉ0 प्रभात कुमार ने निर्मल हिण्डन कार्यक्रम को प्रारम्भ किया।  पिछले छह माह में ही निर्मल हिण्डन कार्यक्रम ने हिण्डन व उसकी सहायक नदियों के बहाव क्षेत्र के सभी सात ज़नपदों के अधिकारियों, स्वयं सेवी संगठनों व समाज के बीच एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर दिया है । सभी मानने लगे हैं कि हिण्डन व उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त किया जा सकता है लकिन इसके लिए प्रशासन के साथ समाज का गठजोड़ अति आवश्यक है । डस कार्यक्रम के दौरान समाज व प्रशासन की जुगालबंदी का एक खुशनुमा उदाहरण तब प्रस्तुत हुआ जब बागपत जनपद के बरनावा गाँव के श्री अनिरूद्ध त्यागी ने अपनी दस बीघा जमीन हिण्डन नदी को दान कर दी और उसमें डॉ प्रभात कुमार की सलाह पर वृक्षारोपण भी करा दिया ।

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ऐसा ही दूसरा उदाहरण गौतमबुद्ध नगर में निर्मल हिण्डन वन महोत्सव आयोजन के दौरान समर्पित कार्यकर्ता टीकम सिंह के रूप में सामने आया । निर्मल हिंण्डन कार्यक्रम को गति देने वाले ऐसे अनेक पहलू बीते अल्प समय में प्रस्तुत हुए हैं । ये सभी उदाहरण ही निर्मल हिण्डन कार्यक्रम के भविष्य की सफलता का आधार भी बनेंगे। निर्मल हिण्डन कार्यक्रम सबका व सभी के लिए है । कोई भी आमजन किसी भी प्रकार से इसमे सहयोग दे सकता है ।  इस कार्यकम की सफलता या असफलता का आंकलन समाज करेगा । आज से दस वर्ष पश्चात जब पीछे मुडकर देखा जाएगा तो निर्मल हिण्डन कार्यक्रम की बीत चुकी लम्बी यात्रा का सुखद परिणाम सबके सम्मुख पहले ही प्रस्तुत हो चुका होगा । लेकिन इस कार्यक्रम में अपना तन, मन, धन लगाने वाले तपस्वी उस समय स्वयं अपना आंकलन करने के लिए स्वंतत्र होंगे जोकि आज इसकी नींव मजबूत करने में लगे हैं । इस कार्यक्रम से जुडने वाले हिंण्डन दूत, निर्मल हिण्डन समितियों के प्रतिनिधि , स्वयं सेवी संगठन या सामाजिक कार्यकर्ता सभी सफलता में अपने अंश का दावा कर सकेंगे । विभिन्न विभागों के सरकारी अधिकारी जो इस अभियान का किसी न किसी मोड पर हिस्सा रहे होंगें वे सभी आश्वस्त होकर कह सकेंगें कि हमने अपना समय सही कार्य में लगाया था।

 

इस कार्यक्रम के बीजारोपण के पश्चात अभी इसमें अंकुर फूटने लगे हैं और मुलायम व  सुंदर कोपलें बन रही  हैं। इस समय इसका पालन-पोषण सही ढंग से हो इसकी चिंता निर्मल हिण्डन कार्यक्रम से जुडने वाले प्रत्येक सदस्य को करनी होगी । इस कार्यक्रम के युवा होने तक सही देखभाल की आवश्यकता है । हिंडन जैसी नदियों के सुधार हेतु कोई सफल कार्यक्रम पूरे देश में अभी तक संचालित नहीं हुआ है । यह कार्य कठिन जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं है । मुझे उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि यह कार्यक्रम

 

साफल होगा और देश-दुनिया में एक  नजीर बनेगा । इस कार्यक्रम को इसी प्रकार की अवस्था वाली देश की अन्य नदियों पर भी अमल में लाया जा सकेगा। ।

 -रमनकान्त त्यागी

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