Koshi River
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क

पश्चिम बंगाल बाढ़ से जुड़े अनुभव - बर्धमान कथा भाग : 2

  • By
  • Dr Dinesh kumar Mishra
  • December-18-2018

अब जिनकी बारी आयी, वह बहुत ही मृदुभाषी, दुबले पतले और संघर्षशील अधेड़ व्यक्ति थे और इमरजेंसी में जेल जा चुके थे. जात-पात से एकदम ऊपर जो बंगाली लोग वैसे भी अधिकतर होते ही हैं, वह केवल दो जात मानते थे अमीर और गरीब, जिसका कई बार मुजाहिरा मेरे साथ कई यात्राओं में किया भी था. बर्धमान आते-जाते हुए मैं उनका प्रशंसक हो गया था. ऐसे सौम्य व्यक्ति से एम्.डी. साहब ने सवाल किया, “आप कौन हैं महाशय?”.

अपना नाम-ठिकाना बताने के बाद उनका जवाब था,

“मैं एक किसान हूँ और खेती बारी से मेरा परिवार चलता है, मैं इस सहकारी समिति का सेक्रेटरी भी हूँ.”

एम्.डी. साहब बोले, “किसान तो पेपर मिल का सेक्रेटरी नहीं हो सकता, आप निश्चित तौर पर कुछ और जरूर करते हैं.”

जवाब था, “जी, मैं पंचायत का सेक्रेटरी भी हूँ.”

एम्.डी. साहब का स्वतःस्फूर्त उत्तर था – “इसका मतलब है कि आपने बहुत पैसा मारा है. वही तो मैं सोच रहा था कि इतनी छोटी जगह में, चाहे कितनी भी छोटी पेपर मिल क्यों न हो, बिना पैसे के चलने वाली नहीं है. मैं अब सब समझ गया.”

इसके बाद एम्.डी. साहब ने पंचायतों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर एक अच्छा सा भाषण दिया और सेक्रेटरी साहब अपने बचाव में काफी सफाई देते रहे. शासन-प्रशासन में अपने सम्पर्कों का हवाला दिया, जेल की यातनाओं का ज़िक्र किया मगर एम्.डी. साहब से पार पाना उनके लिए संभव नहीं था. फिर भी उन्होनें एम्. डी. को समझाने की कोशिश की कि इससे उनके क्षेत्र में नौजवानों को रोज़गार मिलेगा और पुआल का बेहतर उपयोग हो सकेगा. सहकारी समिति होने की वजह से बहुत से लोगों को उससे भी आमदनी हो पाएगी और क्षेत्र में उनके प्रयास से कुछ घरों में दोनों शाम चूल्हे जलेंगे. उन दिनों बंगाल में बर्गादारी आन्दोलन अपने चरम पर था. मुझे लगा कि एम्.डी. साहब की कुछ जमीन उनके बटाईदारों के पास चली गयी हो, इसलिए शायद उनको पंचायतों से कुछ परेशानी हुई हो.

बात यहीं समाप्त हो गयी और अब एम्.डी. साहब के निशाने पर वह भद्र महिला थीं, जिनका ज़िक्र मैने पहले किया था. नाम-गाँव की चर्चा के बाद एम्. डी. साहब ने समय नष्ट न करते हुए सीधा सवाल पूछा “आप क्या करती हैं?”

“मैं एक समाज सेविका हूँ.”

“शादी हो गयी है?”

“जी.”

“माथे में सिन्दूर क्यों नहीं है और हाथ में शाखा चूड़ी कहाँ है?”

“मैं दाम्पत्य के इन सब प्रतीकों में विश्वास नहीं करती.”

“ लेकिन यह हमारी संस्कृति के विरुद्ध है. लगता है बहुत पढ़ी लिखी हैं. बच्चे कितने हैं?”

“अभी कोई नहीं है.”

“शेई जोन्ने चार-दिके नेचे बेडाच्छेन.” “(इसी लिए चारों तरफ नाचती घूम रही हैं.)”

“आप के पतिदेव क्या करते हैं?”

“वह इंग्लैंड की एक विदेशी सेवा संस्थान में काम करते हैं, जो विपन्न, गरीब-दुखिया लोगों के बीच काम करती है.”

“अंग्रेजों का सेवा और गरीब-दुखिया लोगों से क्या वास्ता है? वो तो सारी पृथ्वी पर राज कर गए थे और उनका सूरज कभी डूबता नहीं था. इतना विस्तार तो समाज सेवा से नहीं होता है, राजदंड और लूटपाट से होता है जिसके लिए वह सारी दुनियां में फैले और इसके लिए कुख्यात हैं. वहाँ जरूर कुछ चक्कर है जो आप लोगों की समझ में नहीं आता है या आप लोग समझना नहीं चाहते हैं. उनके यहाँ गरीब नहीं हैं क्या? मैं नहीं मानता कि गोरे लोग हमारे यहाँ केवल समाज सेवा के लिए काम करेंगें. उनका कोई न कोई स्वार्थ जरूर है. ज्यादा से ज्यादा यह वहाँ के पैसे वालों की विलासिता हो सकती है पर समाज सेवा, कभी नहीं. हमारा सारा माल लूट कर ले गए और बदले में चाय पीना सिखा गए. बस.”

अब जिगर थाम कर बैठो मेरी बारी आई...

क्रमशः – 3

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

Related Tags

DR. DINESH KUMAR MISHRA(1) WEST BENGAL FLOOD(1) FLOOD 1978(1) EXPERIENCE AROUND FLOOD(1) BARDHAMAN KATHA(1)

More

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री मुन्नर यादव से हुई बातचीत के अंश

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री मुन्नर यादव से हुई बातचीत के अंश

बिहार-बाढ़-सूखा-अकालमुन्नर यादव, 84 वर्ष, ग्राम बहुअरवा, पंचायत लौकहा, प्रखंड सरायगढ़, जिला सुपौल से मेरी बातचीत के कुछ अंश।हम लोग अभी अपने ...
कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री भोला नाथ आलोक से हुई बातचीत के अंश

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री भोला नाथ आलोक से हुई बातचीत के अंश

बिहार बाढ़-सूखा - अकालपूर्णिया के ग्राम झलारी के 88 वर्षीय श्री भोला नाथ आलोक से हुई मेरी बातचीत के कुछ अंश।1957 में यहाँ अकाल जैसी स्थितियां...
कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री केदारनाथ झा से हुई बातचीत के अंश

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री केदारनाथ झा से हुई बातचीत के अंश

बिहार बाढ़-सूखा-अकालश्री केदारनाथ झा, आयु 92 वर्ष, ग्राम बनगाँव, प्रखंड कहरा, जिला सहरसा से हुई मेरी बातचीत के कुछ अंश।"उस साल यह पानी तो आश...
कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री शिवेन्द्र शरण से हुई बातचीत के अंश

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री शिवेन्द्र शरण से हुई बातचीत के अंश

बिहार-बाढ़-सूखा-अकालशिवेंद्र शरण, ग्राम प्रताप पुर, प्रखण्ड और जिला जमुई से हुई मेरी बातचीत के कुछ अंश। 94 वर्षीय श्री शिवेंद्र शरण जी स्वत...
कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, गंडक तटबन्ध की दरार (वर्ष 1949), श्री चंद्रमा सिंह से हुई चर्चा के अंश

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, गंडक तटबन्ध की दरार (वर्ष 1949), श्री चंद्रमा सिंह से हुई चर्चा के अंश

गंडक तटबन्ध की दरार-ग्राम मटियारी, जिला गोपाल गंज, 1949चंद्रमा सिंह, ग्राम/पोस्ट मटियारी, प्रखण्ड बैकुंठपुर, जिला गोपालगंज से हुई मेरी बातची...
कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री कृपाल कृष्ण मण्डल से हुई बातचीत के अंश

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री कृपाल कृष्ण मण्डल से हुई बातचीत के अंश

बिहार-बाढ़-सूखा-अकाल-1949श्री कुणाल कृष्ण मंडल,ग्राम रानीपट्टी, प्रखंड कुमारखंड, जिला मधेपुरा से हुई मेरी बातचीत के कुछ अंश "दोनों धारों के ...
कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री रमेश झा से हुई बातचीत के अंश

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, श्री रमेश झा से हुई बातचीत के अंश

बिहार-बाढ़-सुखाड़-अकालश्री रमेश झा, 93 वर्ष, ग्राम बेला गोठ, प्रखंड सुपौल सदर, जिला सुपौल से मेरी बातचीत के कुछ अंश- जेल तो तटबन्धों के भीतर...
कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, वर्ष (1953), पारस नाथ सिंह से हुई बातचीत के अंश

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, वर्ष (1953), पारस नाथ सिंह से हुई बातचीत के अंश

बिहार- बाढ़- सुखाड़- अकालपारस नाथ सिंह, आयु 86 वर्ष, ग्राम कौसर, पंचायत गभिरार, प्रखंड रघुनाथपुर, जिला – सिवान से हुई मेरी बातचीत के कुछ अंश। ...
कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, वर्ष (1965), रघुवंश शुक्ल से हुई बातचीत के अंश, भाग - 2

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, वर्ष (1965), रघुवंश शुक्ल से हुई बातचीत के अंश, भाग - 2

बिहार- बाढ़ - सुखाड़-अकालरघुवंश शुक्ल, 61 वर्ष, ग्राम जयनगरा, प्रखंड तिलौथु, जिला रोहतास.से हुई मेरी बात चीत के कुछ अंश। भाग - 2सोन नहर का फ़ाय...

रिसर्च

©पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Terms | Privacy