Koshi River
  • होम
  • जानें
  • रिसर्च
  • संपर्क

हिंडन नदी - सभी के सहयोग से ही निर्मल होगी हिंडन

  • By
  • Koshi River
  • August-18-2018

हिण्डन नदी पश्चमी उत्तर प्रदेश में गंगा एवं यमुना नदियों के बीच बहने वाली एक महत्वपूर्ण नदी है जो ऐसे बेसिन में प्रवाहित होती है जो कृषि उत्पादकता की दृष्टि से अत्यन्त उपजाऊ है । हरनन्दी नाम से विख्यात रही इस महाभारतकालीन नदी मे प्रति समाज की गहन श्रद्धा भी है, किन्तु पिछले कुछ दशकों से इसमें भारी मात्रा में ठोस अपशिष्ट, अशोधित मलज़ल और औद्योगिक बहिस्राव डाले जाने से यह नदी बडे पैमाने पर दूषित हुई है । प्रदूषण नियंत्रण विभाग के विगत वर्ष के लिए गए नमूनों के अनुसार यह प्रदेश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से एक मानी गयी है । अत्यन्त प्रदूषित होने के कारण यह जीवनदायिनी नदी एक ओर तो अपने अस्तित्व को बचाने के लिये जूझ रही है वहीं दूसरी ओर इसके समीप बसे ग्राम वासियों के लिये यह विभिन्न दुश्वारीयों का कारण बन गयी है । इस पर पेयजल व सिंचाई क लिये निर्भर रहे लाखों क्षेत्रवासियों एवं उनकी वर्तमान पीढी के लिये यह पौराणिक नदी वर्तमान में एक नाले के रूप में ही जानी जा रही है ।

 

हिण्डन नदी के अस्तित्व को बचाने व इसको पूर्वावस्था में लाने के लिये शीघ्र ही सामूहिक प्रयास किये जाने की आवश्यक है । इसी जिम्मेदारी का अहसास कराने तथा हिंण्डन नदी के महत्व एवं संरक्षण के प्रति जागरूकता बढाकर जनमानस की सोच में बदलाव लाने के उद्देश्य से ‘निर्मल हिण्डन' कार्यकम का सृजन किया गया है जिसके अन्तर्गत विभिन्न कार्यक्रमों की सफलता एवं इसको मिल रहे जनसमर्थन से मैं काफी उत्साहित हूँ और सभी सहभागियों से यह अनुरोध करता हूँ की कार्यकम की सफलता के लिये द्रढ़ इच्छाशक्ति और सकारात्मक सोच के साथ अपना योगदान दें । हिंण्डन को पूर्वावस्था में लाने का दायित्व केवल सरकार का नहीं है बल्कि यह उस पूरे क्षेत्र के प्रत्येक निवासी की जिम्मेदारी भी है ।

 

डा० प्रभात कुमार

- अध्यक्ष, निर्मल हिंण्डन/आयुक्त, मेरठ मण्डल, मेरठ ।

 

   

 

 

हमसे ईमेल या मैसेज द्वारा सीधे संपर्क करें.

क्या यह आपके लिए प्रासंगिक है? मेसेज छोड़ें.

Related Tags

Hindon Nadi(18) Hindon river(1) Hindon Nadi(8)

More

कमला-बलान नदी पर बने तटबंधों के पुनर्वास को लेकर कही गई बातें

कमला-बलान नदी पर बने तटबंधों के पुनर्वास को लेकर कही गई बातें

बिहार की कमला-बलान नदी पर दूसरी पंच वर्षीय योजना में उस समय के दरभंगा जिले में जयनगर से दर्जिया तक तटबंध बनाए गये थे। जिसकी वजह से मधुबनी सब...
कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, 1966-67 में बिहार का भीषण अकाल

कोसी नदी अपडेट - बिहार बाढ़, सुखाड़ और अकाल, 1966-67 में बिहार का भीषण अकाल

(बिहार बाढ़-सूखा-अकाल)1966-67 में बिहार में भीषण अकाल पड़ा था, जिसकी यादें अभी भी याद बिसरी नहीं हैं। बिहार की बाढ़-सुखाड़ और अकाल के अध्ययन के ...
कोसी नदी अपडेट - कोसी के पूर्वी तटबंध के टूटने की पहली घटना का विस्तृत ब्यौरा, सुशील कुमार झा से हुई बातचीत के अंश

कोसी नदी अपडेट - कोसी के पूर्वी तटबंध के टूटने की पहली घटना का विस्तृत ब्यौरा, सुशील कुमार झा से हुई बातचीत के अंश

कोसी तटबन्धों का निर्माण कार्य 1963 में पूरा हो गया था और बराज का भी निर्माण हो चुका था। दुर्भाग्यवश, नदी का पूर्वी तटबन्ध इसी साल नेपाल मे...
कोसी नदी अपडेट - 1975 की बाढ़-दरभंगा से पटना तक, मीसा में गिरफ्तार आन्दोलनकारी उमेश राय के शब्दों में

कोसी नदी अपडेट - 1975 की बाढ़-दरभंगा से पटना तक, मीसा में गिरफ्तार आन्दोलनकारी उमेश राय के शब्दों में

1975 की बाढ़-दरभंगा से पटना तक-मीसा में गिरफ्तार आन्दोलनकारी उमेश राय की ज़ुबानीइस बाढ़ के बारे में ग्राम मोरों, थाना मोरों, जिला दरभंगा के ...
कोसी नदी अपडेट - बिहार की सिंचाई नीति के विषय में बिहार विधानसभा में श्री परमेश्वर कुँवर के भाषण का एक अंश (3 अप्रैल, 1964)

कोसी नदी अपडेट - बिहार की सिंचाई नीति के विषय में बिहार विधानसभा में श्री परमेश्वर कुँवर के भाषण का एक अंश (3 अप्रैल, 1964)

राज्य की सिंचाई नीति पर चल रही बहस में कोसी परियोजना के बारे में बात करते हुए नदी के दोनों तटबन्धों के बीच रहने वाले विधायक परमेश्वर कुँवर क...
कोसी नदी अपडेट - मुंगेर जिले की खड़गपुर झील के टूटने का कुफल- परसन्डो गांव की कहानी-1961

कोसी नदी अपडेट - मुंगेर जिले की खड़गपुर झील के टूटने का कुफल- परसन्डो गांव की कहानी-1961

84 वर्षीय शुकरु तांती गांव परसन्डो (टाटा आदर्श ग्राम), प्रखंड खड़गपुर, जिला मुंगेर बताते हैं कि हमारा गांव खड़गपुर झील के नीचे लगभग 4 किलोमी...
कोसी नदी अपडेट - मोकामा टाल - 2.58 करोड़ की योजना (1964) अब 6 अरब के पार

कोसी नदी अपडेट - मोकामा टाल - 2.58 करोड़ की योजना (1964) अब 6 अरब के पार

21 फरवरी, 1964 को बिहार विधानसभा में राम यतन सिंह ने मोकामा टाल परियोजना को तीसरी पंचवर्षीय योजना में शामिल करने का प्रस्ताव किया। उनका कहना...
कोसी नदी अपडेट - नदी में पानी नहीं आया मगर बाढ़ आई, 1964 में चंपारण से पूर्णिया तक आई बाढ़

कोसी नदी अपडेट - नदी में पानी नहीं आया मगर बाढ़ आई, 1964 में चंपारण से पूर्णिया तक आई बाढ़

नदी में पानी नहीं आया मगर बाढ़ आई। 1964 की बात है। बिहार में उस साल गंगा के उत्तरी भाग में चंपारण से लेकर पूर्णिया तक का क्षेत्र बाढ़ से परे...
कोसी नदी अपडेट - बिहार की बाढ़, सूखे और अकाल के इतिहास पर कुछ अनसुलझे प्रश्न

कोसी नदी अपडेट - बिहार की बाढ़, सूखे और अकाल के इतिहास पर कुछ अनसुलझे प्रश्न

बिहार की बाढ़, सूखे और अकाल पर कुछ लिखने की घृष्टता करना मेरा शौक है, पर आज बड़े बुझे मन से कलम उठा रहा हूं।बिहार की बाढ़, सूखे और अकाल का इ...

रिसर्च

©पानी की कहानी Creative Commons License
All the Content is licensed under a Creative Commons Attribution 3.0 Unported License.
Terms | Privacy