कोसी नदी हिमालय पर्वतमाला में प्रायः 7000 मीटर की ऊँचाई से अपनी यात्र शुरू करती है जिसका ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र नेपाल तथा तिब्बत में पड़ता है। दुनियां का सबसे ऊँचा शिखर माउन्ट एवरेस्ट तथा कंचनजंघा जैसी पर्वतमालाएं कोसी के जलग्रहण क्षेत्र में आती हैं।
नेपाल में इसे सप्तकोसी के नाम से जानते हैं जो कि सात नदियों इन्द्रावती, सुनकोसी या भोट कोसी, तांबा कोसी, लिक्षु कोसी, दूध कोसी, अरुण कोसी और तामर कोसी के सम्मिलित प्रवाह से निर्मित होती है। इनमें पहली पाँच नदियों के संयोग से सुनकोसी का निर्माण होता है और यह पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है। यह नदियाँ गौरी शंकर शिखर तथा मकालू पर्वतमाला से होकर आती हैं। छठी धारा अरुण कोसी की है जिसके जलग्रहण क्षेत्र में सागर माथा (माउन्ट एवरेस्ट) अवस्थित है। सातवीं धारा पूरब से पश्चिम की ओर बहने वाली तामर कोसी है जो कि कंचनजंघा पर्वतमाला से पानी लाती है। इस तरह सुनकोसी, अरुण कोसी तथा तामर कोसी नेपाल के धनकुट्टा जिले में त्रिवेणी नाम के स्थान पर आकर मिल जाती हैं और यहीं से इसका नाम सप्तकोसी, महाकोसी या कोसी हो जाता है। त्रिवेणी पहाड़ों के बीच स्थित है और यह स्थान चतरा से, जहाँ कोसी मैदान में प्रवेश करती है, प्रायः दस किलोमीटर उत्तर में पड़ता है।
मैदान में उतरने के बाद कोसी के पाट 6 से 10 किलोमीटर में फैल कर काफ़ी चौड़े हो जाते हैं और फिर कोसी प्रायः 50 किलोमीटर की दूरी नेपाल सीमा के अन्दर तय करती हुई नेपाल के हनुमान नगर के पास भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करती है। हनुमान नगर कोसी के पश्चिमी किनारे पर स्थित है जबकि पूर्वी किनारे पर भारत का भीम नगर कस्बा पड़ता है। बिहार के सुपौल जिले के भीम नगर से सहरसा जिले के महिषी गाँव तक कोसी लगभग दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर बहती हुई 100 कि.मी. की यात्र तय करती है और महिषी के नीचे लगभग 30 कि.मी. बहने के बाद कोसी मानसी-सहरसा रेलवे लाइन को कोपडि़या रेलवे स्टेशन के दक्षिण में पार करती है तथा कटिहार जिले में कुरसेला के पास गंगा से संगम कर लेती है।
कोसी बिहार की मुख्य नदियों में से एक है। कोसी का कुल जलग्रहण क्षेत्र 74,030 वर्ग कि.मी.है जिसमें इसकी दो मुख्य सहायक धाराओं –कमला (7232 वर्ग कि.मी.) तथा बागमती (14,384 वर्ग कि.मी.) का जलग्रहण क्षेत्र शामिल नहीं है। यह दोनों सहायक नदियाँ अपने आप में काफ़ी महत्वपूर्ण हैं और उनका जि़क्र अलग से ही करना चाहिये। कोसी के कुल जल ग्रहण क्षेत्र का मात्र 11,410 वर्ग कि.मी. क्षेत्र भारत में तथा बाकी 62,620 वर्ग कि.मी. नेपाल या तिब्बत में पड़ता है। इसके अलावा अगर कोसी की तीन मुख्य धाराओं सुनकोसी अरुण कोसी और तामर कोसी की बात की जाये तो इनके जलग्रहण क्षेत्र क्रमशः लगभग 19,000 वर्ग कि.मी., 34,650 वर्ग कि.मी. तथा 5,900 वर्ग कि.मी. हैं। इस तरह से नदी का त्रिवेणी तक का कुल जल ग्रहण क्षेत्र 59,550 वर्ग कि.मी.है। कोसी का ग्लेशियर वाला क्षेत्र केवल नेपाल/तिब्बत में अवस्थित है। कोसी के निचले क्षेत्रें में औसतन 1323 मी.मी.और ऊपरी क्षेत्रें में 1589 मी.मी. वर्षा हुआ करती है।
कोसी नदी की संरक्षता के लिए सतत प्रयासरत कार्यकर्ता
डॉ. दिनेश कुमार मिश्र ने अपना सम्पूर्ण जीवन नदियों के लिए समर्पित कर रखा है और वह नदियों को उनका परंपरागत व प्राकृतिक स्वरुप प्रदान करने के पक्षधर हैं.